गुरु जी से प्रेरणा
श्री श्री 1008 महात्मा जी महाराज
सबसे पहले मैं अपने गुरु के चरणों में वंदना करता हूँ। उन्हें बारम्बार नमस्कार, जिन्होंने अपने सज्ञान और मार्गदर्शन से अनगिनत लोगों का कल्याण किया और दिशाहीन जीवन को सही दिशा दिखाई। गुरु की शरण में जाने से ही वास्तविक कल्याण संभव है। गुरु का अर्थ है वह जो अंधकार को दूर कर प्रकाश का मार्ग दिखाता है।
लव कुश केंद्र हमारे गुरु जी की प्रेरणा से समाज कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह ज्ञान और संस्कार की संगठित धारा है, जो हमारे जीवन में परिवर्तन ला सकती है और हमें सफलता की ओर प्रेरित कर सकती है। हमारे गुरु जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज कल्याण के लिए समर्पित किया और अपने शिष्यों को सही मार्ग दिखाते रहे। वे हमें हमारे अवसरों और क्षमताओं की पहचान करवाते हैं तथा हमारी सामरिकता और इच्छाशक्ति को जागृत करने के लिए प्रेरित करते हैं।


श्री बांके बिहारी जी की कृपा
श्री बाके बिहारी साक्षात् श्री कृष्ण भगवान हैं, जो आज भी वृंदावन में अपनी लीलाएँ करते हैं। उनके दर्शन के लिए आने वाले सभी भक्त मानसिक रूप से उनके साथ जुड़े रहते हैं और उनकी भक्ति में गोपियों के समान भाव अनुभव करते हैं। श्री बाके बिहारी अपने भक्तों को मार्गदर्शन देते हैं, उनके कष्ट हरते हैं और जीवन को धर्मयुक्त बनाने की प्रेरणा प्रदान करते हैं। वे सनातन धर्म की आधारशिला हैं और प्रेम का प्रतीक माने जाते हैं। श्री कृष्ण जी की जीवन लीला हमें आध्यात्मिकता, प्रेम, सहानुभूति, संयम, धार्मिकता और मानसिक शांति का संदेश देती है। उनके दर्शन और सेवा से हम अपने जीवन में इन महत्वपूर्ण सिद्धांतों को अपनाकर धार्मिकता, संतुलन और आनंद के उच्चतम स्तरों को प्राप्त कर सकते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने धर्म को मानवीय और सामाजिक बताया है, जो हमेशा सनातन है और कभी भी सांप्रदायिक नहीं हो सकता। लव कुश केंद्र श्री कृष्ण के उपदेशों से प्रेरित होकर समाज और मानव कल्याण की दिशा में कार्य कर रहा है। इसका संचालन भी श्री बाके बिहारी जी की दिव्य प्रेरणा से होता है। राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण
ज्योति का विजन और मिशन
लव कुश केंद्र का मुख्य उद्देश्य जीवन और समाज की प्राचीन व्यवस्थाओं में निहित सम्पूर्ण ज्ञान, परंपराओं और मान्यताओं को जनमानस तक सरल और सुलभ रूप में पहुँचाना है। वास्तव में यह किसी एक विशेष धर्म से संबंध नहीं रखता बल्कि एक व्यापक व्यवस्था है, जिसमें मानव कल्याण और पर्यावरण संरक्षण हेतु निस्वार्थ भाव से किए गए सभी कार्य शामिल हैं, बशर्ते वे समाज और पर्यावरण के लिए स्वीकार्य हों और किसी का अहित न करें। इसके विपरीत, स्वार्थवश किए गए या समाज के लिए हानिकारक कार्य अधर्म के अंतर्गत आते हैं।
लव कुश केंद्र इस व्यवस्था को किसी सांप्रदायिक दृष्टिकोण से नहीं देखता और किसी भी संप्रदाय की अवहेलना नहीं करता। इसका उद्देश्य सभी को धर्म-संगत, समाजोपयोगी कार्य करने के लिए प्रेरित करना है। यह प्राचीन व्यवस्थाएँ यह सिखाती हैं कि कैसे हम अपने दैनिक कर्मों के माध्यम से धर्म संगत कार्य कर सकते हैं और जीवन में सुख, संतुलन और पूर्णता ला सकते हैं।
लव कुश केंद्र की विशेष पहल इस ज्ञान और व्यवस्थाओं को नए युग की सभ्यता और विचारों के सामने प्रस्तुत करना है। यह पर्यावरण संरक्षण, जीवों का संरक्षण, नदियों और प्राकृतिक संसाधनों की स्वच्छता तथा समाज के कल्याण के लिए बनाए गए प्राचीन नियमों को आधुनिक जीवन में लागू करने का प्रयास करती है। आज के नवयुग में जहाँ लोग भौतिक समृद्धि होने के बावजूद असंतुष्ट और दुखी हैं, लव कुश केंद्र उन्हें जीवन में संतुलन, सकारात्मकता और वास्तविक सुख की ओर मार्गदर्शन प्रदान करता है।